आज के इस दौर में स्वास्थ्य सबसे बड़ी पूंजी है, और जब हम बीमार पड़ते हैं तो हमें उम्मीद होती है कि हमें सही और असरदार दवा मिलेगी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस दवा को आप अपनी सेहत सुधारने के लिए खरीद रहे हैं, कहीं वह नकली तो नहीं? यह एक गंभीर समस्या है जिसका सामना आज कई लोग कर रहे हैं। नकली दवाओं का कारोबार एक संगठित अपराध है जो न केवल मरीजों के स्वास्थ्य को खतरे में डालता है, बल्कि भरोसेमंद मेडिकल स्टोर्स की छवि को भी धूमिल करता है।
दिल्ली के ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट द्वारा समय-समय पर नकली दवाओं के खिलाफ छापामार कार्रवाई की जाती है, यह एक सराहनीय कदम है। डॉ. बसंत गोयल ने इस बात पर जोर दिया है कि इन कार्रवाइयों को लगातार जारी रखने की आवश्यकता है। इसके लिए ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट में स्टाफ की कमी को दूर करना होगा। दिल्ली सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए और ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट में भर्तियां करनी चाहिए। हम इस विषय पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह से भी बात करेंगे ताकि नकली दवा विक्रेताओं के खिलाफ निरंतर कार्रवाई हो सके।
डॉ. बसंत गोयल ने यह भी बताया कि दिल्ली का भागीरथ पैलेस नकली दवाओं के कारोबार का एक बड़ा केंद्र बन गया है। यहां कई बार छापेमारी हुई है, लेकिन इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह से लगाम कसना अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। इसके खिलाफ एक सख्त और निरंतर अभियान चलाने की आवश्यकता है।
नकली दवाओं का ठगी का खेल कैसे होता है?
नकली दवाएं अक्सर असली दवाओं की तरह ही दिखती हैं। इनकी पैकेजिंग, रंग और आकार में काफी समानता होती है, जिससे आम आदमी के लिए असली और नकली की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। यह ठगी का खेल कई स्तरों पर खेला जाता है:
- अवैध निर्माण: नकली दवाएं अक्सर गैर-कानूनी फैक्ट्रियों में घटिया सामग्री का उपयोग करके बनाई जाती हैं। इनमें या तो दवा की मात्रा बहुत कम होती है, या बिल्कुल नहीं होती, या फिर हानिकारक तत्व मिले होते हैं।
- सप्लाई चेन में घालमेल: असली दवाओं की सप्लाई चेन में नकली दवाओं को मिला दिया जाता है। यह काम वितरकों और कुछ बेईमान मेडिकल स्टोर संचालकों की मिलीभगत से हो सकता है।
- ऑनलाइन बिक्री: आजकल ऑनलाइन फार्मेसी का चलन बढ़ गया है, और कई नकली दवा विक्रेता इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके लोगों को ठगते हैं। बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं बेचना और भारी छूट का लालच देना इनकी पहचान होती है।
नकली दवाओं से बचने के लिए मेडिकल स्टोर पर बरतें ये सावधानियां:
एक जागरूक उपभोक्ता बनकर आप नकली दवाओं के शिकार होने से बच सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां दी गई हैं जिन्हें आपको मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदते समय बरतनी चाहिए:
- हमेशा प्रतिष्ठित और लाइसेंस प्राप्त मेडिकल स्टोर से ही दवाएं खरीदें। ऐसे स्टोर पर आपको दवाओं की गुणवत्ता और प्रामाणिकता का भरोसा रहेगा।
- दवा खरीदते समय उसका बिल जरूर लें। बिल में दवा का नाम, बैच नंबर, निर्माण और समाप्ति तिथि स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए। यह भविष्य में किसी भी समस्या के लिए एक महत्वपूर्ण सबूत होगा।
- दवा की पैकेजिंग को ध्यान से देखें। अगर पैकेजिंग फटी हुई हो, सील टूटी हुई हो, या उस पर कोई संदिग्ध लेबल लगा हो तो उसे न खरीदें।
- दवा के रंग, आकार और गंध में कोई बदलाव दिखे तो उसे न खरीदें। यदि आपको पहले इस्तेमाल की गई दवा से इसमें कोई अंतर लगे तो तुरंत मेडिकल स्टोर संचालक को बताएं।
- सस्ती दवाओं के लालच में न पड़ें। बहुत कम कीमत पर मिलने वाली दवाओं के नकली होने की संभावना अधिक होती है।
- ऑनलाइन फार्मेसी से दवाएं खरीदते समय सावधानी बरतें। केवल विश्वसनीय और लाइसेंस प्राप्त ऑनलाइन फार्मेसी से ही दवाएं खरीदें। बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं बेचने वाली वेबसाइटों से बचें।
- दवा खरीदते समय बैच नंबर और निर्माण तिथि को ध्यान से देखें। पुरानी या एक्सपायर हो चुकी दवाएं खरीदने से बचें।
- अगर आपको दवा की गुणवत्ता पर संदेह हो तो तुरंत अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लें।
गोयल मेडिकोस हमेशा अपने ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली और असली दवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हम दवाओं की सोर्सिंग और स्टोरेज में उच्चतम मानकों का पालन करते हैं ताकि आप स्वस्थ रहें और आपको किसी भी प्रकार की ठगी का शिकार न होना पड़े।
नकली दवाओं का कारोबार एक गंभीर समस्या है जिसके खिलाफ हम सभी को मिलकर लड़ना होगा। आपकी थोड़ी सी सावधानी आपके स्वास्थ्य और आपके परिवार के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकती है। जागरूक रहें, सतर्क रहें और हमेशा असली दवाएं ही खरीदें।
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